Saturday, March 11, 2017

अल्लाहु अकबर के नारे लगाने वाले

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शादियों मे नबी का तरीक़ा छोड़ देते हैं,

अल्लाहु अकबर के नारे लगाने वाले ही अल्लाह के एहकाम तोड़ देते हैं।

वो क्या खाक़ ज़िंदा करेंगे इस्लाम को,

जो मीठी नींद के लिए फजर की नमाज़ छोड़ देते हैं।
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Sunday, March 5, 2017

खुल्फा ए राशे दीन के अक़वाल

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*अल्लाह का वादा है 'जो तेरे* *नसीब में है वो तुझे ज़रूर मिलेगा,* *चाहे वो दो पहाड़ो के बीच क्यों न हो...* *और जो तेरे नसीब में नहीं वो* *हरगिज़ नहीं मिलेगा, चाहे वो तेरे दोनों होठों के दरमियान क्यों ना हो* *बेशक अल्लाह बेनियाज़ और बड़ी रहमत वाला है*
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*हज़रत अबू बकर सिद्दीक़ رضي الله عنه. फरमाते है - किसी को दुःख देने वाला कभी खुश नहीं रहे सकता*
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*हज़रत उमर फारूक رضي الله عنه फरमाते है* *किसी की बे -बसी पे मत हँसो कल ये वक़्त तुम पर भी आसकता है।*
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*हज़रत उस्मान गनी رضي الله عنه. फरमाते है*
*किसी की आँख तुम्हारी वजह से नम न हो*
*क्योंकी तुम्हे उस के हर आंसू का क़र्ज़ चुकाना होगा*
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*हज़रत अली رضي الله عنه. फरमाते है -* *मज़लूम और नमाज़ी की आह से डरो,* *क्योंकि आह किसी की भी हो* *अर्श को चीर कर اللّه के पास जाती है*
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*हज़रत अबू बकर सिद्दीक़ رضي الله عنه. फरमाते है*
*उस दिन पे आंसू बहाओ जो तुम ने नेकी के बिना गुज़ारा हो*
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*हज़रत उमर फारूक رضي الله عنه.* *फरमाते है - ज़ालिमों को माफ़ करना मज़लूमों पे ज़ुल्म है*
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*हज़रत उस्मान गनी رضي الله عنه. फरमाते है- जुबां दरुस्त हो जाये तो*
*दिल भी दरुस्त हो जाता है*
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*हज़रत अली رضي الله عنه. फरमाते है-* *जहा तक हो सके लालच से* *बचो,लालच में ज़िल्लत ही ज़िल्लत है*
*दुसरो को इस तरह माफ़ करो जिस तरह الله तुम्हे माफ़ करता है*
*इस मेसेज को ज़रूर सेंड करना*
*क्योंकि अच्छी बात बताना भी एक सदका़ है।*
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रिश्तो में गहराई इतनी हो

      सुकून उतना ही देना,
  प्रभु जितने से जिंदगी चल जाए,
   
  औकात बस इतनी देना, कि,
        औरों  का भला हो जाए,
   
रिश्तो में गहराई इतनी हो, कि,
          प्यार से निभ जाए,
   
आँखों में शर्म इतनी देना, कि,
      बुजुर्गों का मान रख पायें,
   
साँसे पिंजर में इतनी हों, कि,
        बस नेक काम कर जाएँ,
         
बाकी उम्र ले लेना, कि,
     औरों पर बोझ न बन जाएँ